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अमेरिका के एमआईटी ने भारतीय छात्रों को निकाला: प्रह्लाद ने फिलीस्तीन के समर्थन में निबंध लिखा; विश्वविद्यालय ने सॉफ्टवेयर के समर्थन का आरोप लगाया


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  • फ़िलिस्तीन के पक्ष में लिखित टिप्पणी पर एमआईटी ने भारतीय छात्र को निलंबित कर दिया | प्रह्लाद अयंगर

14 मिनट पहले

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अमेरिका के एसोसिएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने एक भारतीय मूल के डायनासोर को विश्वविद्यालय से बाहर कर दिया है। फ़ोर्ट प्रह्लाद अयंगर को इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के मुद्दे पर ‘फिलिस्तीन के समर्थन में’ एक निबंध के बारे में बताया गया है। उनका एसे का वाचक ‘वैश्विक पेसिफिकिज्म’ था, जिसका अर्थ है- ‘शांतिवाद के मुद्दे पर।’ यह निबंध एक जनरल वैगन ‘रिटेन रिवोल्यूशन’ अक्टूबर महीने में प्रकाशित हुआ था।

पेसिफ़िज़्म की सुसंगत सलाह यह है कि युद्ध और हिंसा ठीक नहीं हैं। सभी जापानी लोगों को फिलिस्तीनी तरीके से बसाया जाना चाहिए।

फ़िलिस्तीन के समर्थक हैं​ प्रह्लाद अयंगर

एमआईटी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित थिएटर शिक्षण संस्थानों में से एक है। प्रहलाद एमआईटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान विभाग के विभाग हैं। मीडिया एलेमिक के अनुसार प्रह्लाद एक्टिविस्ट हैं और एकेडेमिक लेवल पर फिलिस्तीन के समर्थन में मुखर हैं।

स्टार्टअप स्टार्टअप पढ़ाई के दौरान वह विशेष रूप से इजराइल-फिलिस्टिन युद्ध से जुड़ी राजनीतिक चर्चाओं में शामिल रहे हैं।

अक्टूबर महीने में अयंगर ने रिटेन रिवोल्यूशन के लिए ‘ऑनलाइन पेसिफिज्म’ एसे लिखा था। ये निबंध सपने के बाद से ही काफी मस्जिद में रह रहा है। मीडिया विद्वान के अनुसार इसमें अयंगर ने फिलिस्तीन के समर्थन में अपने विचार लिखे हैं। विवाद बढ़ा तो MIT ने अयंगर को 2026 तक के लिए टॉयलेट से अपलोड कर दिया है।

पिछले कुछ महीनों में एमआईटी के छात्र फिलिस्तीन के समर्थन में पेट्रोल के अंदर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

निबंध की भाषा हिंसा भड़काने वाली, श्रमिक संगठन से जुड़ी तस्वीरें शामिल: एमआईटी

एमआईटी का आरोप है कि उन्होंने अपने निबंध में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है जो हिंसक विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दे सकता है। इसके साथ ही फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) से संबंधित जानकारी का उपयोग किया गया है। इस फ़िलिस्तीनी संगठन को अमेरिका ने वैवाहिक संगठन घोषित कर रखा है।

एमआईटी का कहना है कि ये तस्वीरें पेट्रोलियम पदार्थों के समुदायों के खिलाफ हैं। हालांकि अयंगर का कहना है कि उन्होंने ऐसी कोई भी तस्वीर अपने एसे में शामिल नहीं की है। उन्होंने कहा कि एमआईटी के आरोप गलत हैं और यह उनकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अयंगर के वकील एरिक ली ने अयंगर के पक्ष में एक बयान जारी किया है। इसमें अयंगर के कार्यालय से कहा गया है, ‘यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन पर उन लोगों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है, जिनमें मुझे शामिल नहीं किया गया है।’

प्रह्लाद अयंगर

अयंगर को ऑनलाइन जाने का विरोध हो रहा है

हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब प्रह्लाद अयंगर के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई हो। 2023 में भी फिलीस्तीन समर्थक प्रदर्शन में शामिल होकर उन्हें यूनिवर्सिटी से बाहर कर दिया गया था। टॉयलेट एक्ट को भी यूनिवर्सिटी के अंदर अपने सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं से जोड़ा जा रहा है।

अयंगर के खिलाफ एमआईटी प्रशासन की कार्रवाई का कड़ा विरोध जारी है। रंगभेद के खिलाफ बने एमआईटी गठबंधन ने इसे गलत बताया है और वह ‘अयंगर की सक्रियता का अपराध करने वाले हैं’ के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है। ऑर्गनाइजेशन द्वारा रिटेन रिवोल्यूशन पर प्रतिबंध को गलत बताया गया है। उनका कहना है कि इससे जुड़े दिग्गजों की आवाज बुलंद है। इसके साथ ही अन्य वैश्वीकरण और समर्थकों को अयंगर के खिलाफ एमआईटी के एक्शन का विरोध करने को कहा गया है।

अयंगर की पढ़ाई पूरी हो श्रोता या नहीं?

प्रह्लाद अयंगर जनवरी 2026 तक कॉलेज से बाहर हो गए। उनकी 5 साल की फेलोशिप रद्द कर दी गई है। उन्होंने आज 11 दिसंबर को यूनिवर्सिटी के चांसलर के खिलाफ इस कार्रवाई की अपील की है। वह चाहती हैं कि उन पर ड्रॉप का समय कम हो जाए। उन्होंने अपने ड्राप को असामान्य बताया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे बिजनेस और रिटेन रिवोल्यूशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम की गई है। इस तरह के कानून में एकेडमिक फ्रीडम पर बुरा असर पड़ता है।’

दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी है MIT हाल ही में जारी हुई QS ग्लोबल यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में MIT टॉप पर है। एमआईटी लगातार 13 वर्षों से शीर्ष पर बनी हुई है। एमआईटी के बाद इंपीरियल कॉलेज लंदन का नंबर जारी हुआ है। वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी भी टॉप 5 में शामिल है। इस लिस्ट में भारत के सिर्फ दो इंस्टीट्यूट टॉप 150 में जगह बनी हुई हैं।

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