Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
23 मिनट पहले
बिहार में सरकारी सड़क पर उतरा। दिसंबर-जनवरी के महीने में कभी आधी रात को पानी की बहारें चली जाती थीं तो कभी दौड़-दौड़कर कुँवारी लाठियाँ बजरियाँ निकल जाती थीं।
बिहार बंद की पोस्टिंग के दौरान प्रदर्शन किया गया। बज़िटियों ने बिहार के 12 रेस्टॉरेंट सासाराम, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा, पटना, दरभंगा, पूर्णिया, लखीसराय, भागलपुर, आरा और अररिया में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को जाम कर दिया। थोक में गाड़ियाँ रोकीं चली गईं। बेतिया और बेगुसेटे में सीएम नीतीश कुमार के भी छात्र ने फ़ायदा उठाया। लेकिन आखिर छात्रों की मांग क्या थी…?
नामकरण प्रदर्शन के विरुद्ध है
बिहार में 13 दिसंबर को छात्र बेरोजगारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ये वैधानिक नामांकन नवंबर में उत्तर-प्रदेश के लापता दस्तावेजों के खिलाफ हैं। इसके अलावा NEET UG 2024 में भी नामांकन के खिलाफ आवाज उठाई गई थी।
13 दिसंबर को बीपीएससी ने 70वां सीसीई ए माइक्रोसॉफ्टजाम प्रयोगशाला शुरू की। 20 सितंबर को नोटिफ़िकेशन जारी किया गया था और 1964 में भर्ती की जानी थी। इसके बाद 5 बार पोर्टफोलियो को अपडेट किया गया और 3 बार एग्ज़ाम डेट तैयार किया गया। पहले उदाहरण 13 और 14 दिसंबर को तय किया गया था, लेकिन नाममात्र की जिंसों ने विरोध किया था। इसके बाद एग्जॉम ने एक ही दिन का फैसला लिया।
13 दिसंबर को जब आख़िरकार एग्ज़ाइटमेंट हुआ तो पटना के बांसुरी सेन्टर से मन की बात सामने आई। बबूल ने सुपरमार्केट सेंटर पर बनाया। क्वेश्चन पेपर में देरी से पहुंच को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान डॉ. पटना के एक स्टूडियो का प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद आयोग ने 16 दिसंबर को आयोजित बांसुरी सेंटर की परीक्षा रद्द कर दी और सिर्फ इस सेंटर के दावों के री-एग्जाम की बात कही।
अब इसे लेकर गेम्स कोमॉनिअल मिनिमलिस्ट का डर लगा। बज़लिस फिर सड़क पर उतर आये। उनका कहना था कि अगर कुछ बच्चों ने कामा एज़मेट को शामिल कर लिया तो फिर से साझीदारों का शासन आ जाएगा। इसी तरह के अल्पसंख्यक छात्र शुरुआत से ही विरोध करते आ रहे थे। ऐसे में चॉकलेट्स की मांग है कि री-एग्जाम सभी के लिए हो।
ख़त्म हो गया है क्या डेटाबेस
कभी-कभी जब किसी एज़मेट के लिए अप्लाई करने वाले जिएबलेट्स की संख्या अधिक हो जाती है तो एज़्ज़ामेट में कई एज़गेट्स का आयोजन किया जाता है। कई बार उदाहरण कई दिन तक चलता है।
ऐसे में हर शेयर में क्वेश्चन पेपर का अलग सेट मांगा जाता है। कई बार एक शिफ्ट में भी क्वेश्चन पेपर की अलग-अलग सेटिंग होती है। ऐसे में किसी सेट को मुश्किल और किसी सेट को आसान क्वेश्चन पेपर। यहां प्रश्न है कि आसान और कठिन कैसे किया जाए।
इसे ऐसे समझें…
किसी उदाहरण में क्वेश्चन पेपर के तीन सेट- ए, बी, सी बांटे गए। इसमें अलग-अलग सेट सॉल्व करने वाले स्टूडेंट का एवरेज स्कोर कैलकलेट किया जाएगा। मैन नोटबुक सेट ए सॉल्व करने वालों का एवरेज स्कोर 70 अंक है। सेट बीज़र्स का स्कोर 75 मार्क्स है और सेट सी सॉल्व करने वालों का एवरेज स्कोर 80 मार्क्स है। ऐसे में C को सेट करना सबसे आसान और A को सेट करना सबसे मुश्किल माना जाएगा। आसान सेट वाले मार्वल्स के नाम कुछ मार्क्स गंवाने पड़ेंगे और मुश्किल सेटों को एक्स्ट्रा मार्क्स के नाम से जाना जाएगा।
यूपी में भी नामांकन के खिलाफ सड़क पर उतरे थे छात्र
नवंबर 2024 में यूपीपीएससी यानी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ कार्यकर्ता बैठे थे। छात्र की मांग थी कि पीसीएस और आरओ/एआरओ का एक ही दिन और एक ही बदलाव में बदलाव हो।
असल में, छात्र का कहना था कि अलग-अलग संप्रदायों में संप्रदाय की वजह से आयोग नामांकन समूह का गठन होता है, जिसमें धंधली होती है। धांधली करने वालों को इसमें गड़बड़ी करने का मौका मिलता है। आयोग ने छात्रों की मांग मन ली थी।
NEET में नामांकन से रैंक मुद्रास्फीति हुई
जून 2024 में नीट यूजी के रिजल्ट के बाद छात्रों का प्रदर्शन शुरू हो गया। छात्र उदाहरण में गड़बड़ी, पेपर लीक और अल्पसंख्यक का विरोध कर रहे थे। दिल्ली देश के कई आदर्शों में प्रदर्शन किया गया और कई दावेदारों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया।
मित्र का कहना था कि समुदायों में अल्पसंख्यकों की संख्या से अधिक मुद्रास्फीति हुई है। इसका मतलब यह है कि साधकों की गिनती में शीर्ष रैंक में बहुत अधिक वृद्धि हुई थी। नामकरण की वजह से रैंक 1 पाने वाले 72 दोस्त थे।
इससे दोस्त को काफी नुकसान हुआ। जैसे मेरे पास किसी भी टॉप मेडिकल कॉलेज में 40 सीटों के दर्शक हैं लेकिन रैंक 1 पाने वाले 72 सीटें हैं। ऐसे में किन दोस्तों को मिलेगी पहचान और किनको नहीं ये कैसे तय होगा।
इसके अलावा रैंक मुद्रास्फीति की वजह से विद्यार्थियों को रैंक का भी नुकसान हुआ। मतलब अंकगणित पहले 1000 रैंक इस बार 1, 00, 000 मिली।
शिक्षा की ऐसी ही और खबरें पढ़ें…
1. अब बिना नेट के एएसआई प्रमाण पत्र प्रोफेसर बने: वाइस चांसलर पद के लिए टीचिंग एक पीयरियंस की जरूरत नहीं; यूजीसी का ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी
अब हैएर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में एएसआई प्रमाणेंट प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट के लिए एक सॉकिट्जम क्लियर करने की जरूरत नहीं होगी। पूरी खबर पढ़ें…