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ईरान में अनूठे आभूषणों को जब्त कर लिया गया: यूनिवर्सिटी पीएएलएल में हिजाब का विरोध कर रही थी; कॉलेज ने मानसिक रोगियों को बताया


50 मिनट पहले

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें अंडर गारमेंट्स पहने एक महिला को गार्ड्स जज में ले जा रहे हैं। गार्ड्स उसे कार में बदमाशों की कोशिश कर रहे हैं, जबकि आईएस उनका विरोध कर रही है। वीडियो ईरान की एक यूनिवर्सिटी का है। कई मीडिया में कहा जा रहा है कि ईसाई ने ईरान के ड्रैस कोड (हिजाब की अनिवार्यता) का विरोध करने के लिए अपने कपड़े उतारे हैं।

यूनिवर्सिटी ने लड़की को मानसिक रूप से बीमार बताया

वीडियो सबसे पहले ईरानी छात्र संगठन- ‘आमिर कबीर न्यूज़लेटर’ ने पोस्ट किया था। इसमें बताया गया कि ईरान की इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी के गार्ड्स लड़कियों को हिरासत में ले रहे हैं।

बाद में फ़्रेज़ी भाषा के कई न्यूज़ चैनलों ने हेंगॉ राइट्स ग्रुप, ईरान एयरलाइंस और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे प्रसारित किया।

यूनिवर्सिटी के स्पोक्सपर्सन आमिर मोहम्मद ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा,

हम लोग यूनिवर्सिटी को पुलिस स्टेशन ले गए। जहां यह पाया गया कि वह गंभीर मानसिक दबाव से स्केटिंग कर रहा है यानी उसका दिमाग स्थिर नहीं है। जांच के बाद उसे मेंटल हॉस्पिटल में पोस्ट किया जाएगा।

उद्धरण छवि

अभी तक पता नहीं चल पाया है कि महिला की स्थिति क्या है। ईरानी मीडिया आउटलेट ‘हमशहरी’ ने गोदाम के गोदाम से कहा है कि लड़की के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और फिर उसे मेंटल हॉस्पिटल भेजा जाएगा।

हालाँकि सोशल मीडिया पर कई उपभोक्ताओं का कहना है कि उस लड़की को कोई मानसिक समस्या नहीं है। उन्होंने हिजाब के विरोध में अपने नारे लगाए। ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने एक्स पर लिखा,

उद्धरण छवि

यूनिवर्सिटी की मोरेलिटी पुलिस ने ‘अनुचित’ अकाउंट जे. वह अपने शरीर के लिए प्लास्टिक का प्रयोग करता है। उसने अपने आलेखों के उद्धरण और विश्वविद्यालय के चित्रों में मार्च किया। उनका यह उद्देश्य ईरानी महिलाओं की आज़ादी की लड़ाई के लिए एक लेज़र मेमोरियल रहना था। उसकी आवाज बनी।

उद्धरण छवि

महसा अमिनी की मृत्यु के बाद उग्रवादी हिजाब विरोधी प्रदर्शन कर रहे थे

नए सिरे से ठीक होने के बाद हिजाब न के साथ काम करते हुए ईरान की मॉरेलिटी पुलिस ने 22 साल की महसा अमिनी को गिरफ्तार कर लिया था। 16 सितंबर 2022 को पुलिस कस्टडी में अमिनी की मौत हो गई।

महसा कोमा में चली गई, बाद में उनकी मृत्यु हो गई। परिवार वालों का कहना था कि पुलिस की पिटाई से अमीनी की मौत हो गई।

अमीनी की पुलिस की हत्या के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे। हालाँकि प्रदर्शनों को कुचल दिया गया था। 500 स्ट्रेंथ मारे गए। आरोप है कि इनमें से 50 से ज्यादा बच्चों को नौकरों को भी नौकरी पर रखा गया।

अमिनी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों में 18 साल से कम उम्र की लड़की की मौत हो गई

छात्रा को पढ़ाई से रोकने के लिए दिया जा रहा था जहर

महसा की मौत के बाद ईरान में छात्रा को पढ़ने से रोकने पर जहर खाने का मामला सामने आया। इस बात का खुलासा डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर यूनुस पनाही ने किया था। उन्होंने कहा था- नवंबर 2022 में होम सिटी में रेस्पिरेटरी पॉइज़निंग के सैंक्डर्स मामला सामने आया था। स्कूल में पानी को जमा करने का काम चल रहा है और दोस्तों को आराम मिल रहा है।

अब ईरान में हिजाब को लेकर और सख्त प्रोविजन लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। अमिनी की मौत के बाद 2022 में ईरान की संसद ने महिलाओं के ड्रेस कोड को लेकर एक नया कानून बनाया है। इसके तहत अगर वो हिजाब नहीं पहनेंगे तो उन्हें 49 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। ईसाइयों के पास पासपोर्ट बनाने और इंटरनेट का उपयोग करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं। ईरान में हिजाब के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन और महिला पुलिस की कार्रवाई की ख़बरें जारी हैं। 7 साल में 72 हजार से ज्यादा केस दर्ज हैं।

ईरान के स्कूल, कोचिंग में हिजाब की निगरानी के लिए कैमरे सितंबर 2022 में हिजाब के विरोध के बाद सैकड़ों छात्रों को यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था। 3 अप्रैल 2023 को ईरान के शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया। कहा गया कि हिजाब न ड्रेस या ड्रेस कोड का पालन करके वाले को क्लास में नहीं बिठाया गया। इन कॉलेजों में स्कूल और यूनिवर्सिटी प्रशासन के लिए भी कोई गारंटी नहीं है।

ईरान की महिला एकल शिक्षण संस्थान अल-ज़हरा विश्वविद्यालय के गेट पर कठोर सुरक्षा सुनिश्चित की गई हैं। हिजाब में दोस्तों के साथ गद्दारी के लिए कैमरे दिए गए हैं। सेमिनरी एजुकेशन यानी धर्म से जुड़ी शिक्षा देने वाली महिलाओं की स्थापना की गई है। नूर यानि खाकी नाम से एक अभियान चलाया गया है, इसके तहत सरकार हिजाब नियम लागू करती है। मीडिया विद्वान के अनुसार, ईरान में अलग-अलग 32 जीन हिजाब के डिजाइनों को लागू करने के लिए काम कर रही हैं। विरोध करने वाले छात्रों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। 2022 में अमीनी की मौत के बाद हिजाब के विरोध करने वाले सैकड़ों छात्रों को यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था।

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