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4 मिनट पहलेलेखक: शिवेन्द्र गौरव
भारत के मुख्य न्यायाधीश दिवा चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को पदावनत हो रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सुपरस्टार बनने के लिए एक बड़ी आजादी दी है। उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट के लिए वैराइटी को कानून की डिग्री (एलीबी) लेने की जरूरत नहीं है। हालाँकि सिद्धांत के अलावा भी दो तरह से पत्रकार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं।
बैठक में मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘मुझे पता नहीं डिग्री की शर्त क्यों रखी गई थी’
सुचित्र कल्याण मोहंती सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार हैं। मोहंती ने दैनिक भास्कर से कहा,
मुख्य न्यायाधीश ने कई दिन पहले कुछ सुपरस्टार को चाय पर बुलाया था, उनमें से एक मैं भी था। सिद्धांत के लिए एलएलबी की डिग्री की आवश्यकता को समाप्त करना एक नई पहल है, लेकिन इस अदालत का कोई आदेश नहीं है।
बैठक में चंद्रचूड़ ने अमिताभ को बताया था,
मैंने सर्वोच्च न्यायालय के सुसंगत अधिग्रहीत ग्रैब का ढांचा बढ़ाने के लिए एक फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं। मुझे नहीं पता कि किस कारण से यह शर्त रखी गई थी कि आपको एलबीबी के पास होना चाहिए। अब इसमें शामिल किया गया है।
मोहंती ने लिखा है कि दो तरह के पत्रकार सुप्रीम कोर्ट में खबरें कवर करती हैं- सिद्धांत प्राप्त और संप्रदाय प्राप्त। हालाँकि मोहंती के पास सर्वोच्च न्यायालय की सहमति नहीं है। उसे यह आवश्यक भी नहीं सिखाया गया।
वैज्ञानिक वैज्ञानिक वाले को भी लगभग सभी वैद्यों को छोड़ देना चाहिए
चंद्रचूड़ ने यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अपने कब्जे में लेने की सुविधा भी लेने वाले को सर्वोच्च न्यायालय में जगह मिलेगी।
मोहंती कहते हैं, ‘उच्चतम न्यायालय के कई कार्यक्रमों का भी दर्शन होता है। जजों के पास रहता है। ‘इनके अलावा लगभग सभी वैज्ञानिक वैज्ञानिक रेस्तरां भी हैं।’
सर्वोच्च न्यायालय में 50 से भी कम शास्त्रीय प्राप्तकर्ता पत्रकार
मोहंती कहते हैं, ‘सुप्रीम कोर्ट में इस समय करीब 40 के आस-पास के ईसाई मान्यताप्राप्त पत्रकार हैं। ‘दोनों ही तरह की वोटिंग में बहुत फर्क नहीं है, क्योंकि अब कोर्ट की कार्यवाही ऑनलाइन उपलब्ध है।’
‘अगर वीडियो बैसाशीट लेने की जरूरत न हो तो सुप्रीम कोर्ट के हर कोर्टरूम में सुनने-सुनने के लिए अलग-अलग ऑनलाइन लिंक उपलब्ध हैं। ‘जजों और वकीलों के टेलिस्कोप डायरेक्टरी जैसी वह सभी चीजें हैं जो मान्यता प्राप्त ग्रैबिस्ट को मुक्त कर देती हैं, वह भी ऑनलाइन मिल जाती हैं।’
हालांकि सिद्धांत न होने पर भी न्यूज कवर करने के लिए एक दिन का पास लेकर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। सुस्वागतम ऐप से यह लगभग आसान हो गया है। ऐप पर रजिस्टर करने से एक ई-मेल आ जाता है, जिसका लाभ उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
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