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देश का सबसे महंगा स्कूल दिल्ली में: महीने की फीस 2.5 लाख; अंतर्राष्ट्रीय कोचिंग वाले सैलून में क्या आकर्षण है?


43 मिनट पहले

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मुंबई, दिल्ली और उत्तराखंड में देश के सबसे सरकारी स्कूल हैं। इन स्कूलों की औसत फीस 8 से 10 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा है। कई स्कूलों में फीस इतनी ज्यादा है कि एक हेली पेड आईटी इंजीनियर या सॉफ्टवेयर कंपनी के मालिक ने अपने बच्चे को इस स्कूल में ज्यादा वेतन दिया। आम तौर पर इन देशों के बड़े उद्योगपतियों, नेताओं और अभिलेखों के ब्यूरोक्रेट्स के बच्चे बोले जाते हैं। आज बाल दिवस है। जवाहर लाल नेहरू की जयंती का दिन। उनकी चौथी पीढ़ी के कांग्रेस के अल्पसंख्यक राहुल गांधी उत्तराखंड के ऐसे ही एक स्कूल दून इंटरनेशनल स्कूल से पढ़े हैं। इसकी सालाना फीस आज करीब 10 लाख रुपये है।

आईबी करिकुलम, भारत में 226 फ़्लोटेड स्कूल, आईबी करिकुलम में प्रशिक्षण संस्थान

इंटरनेशनल बैकलोरिएट एक अंतर्राष्ट्रीय मान्यताप्राप्त पाठ्यक्रम वाइज करिकुलम है। स्विट्जरलैंड के जेनेवा से हुई शुरुआत। भारत में इसे 1976 में जोड़ा गया था। अभी भारत में लगभग 200 स्कूली स्कूल करिकुलम के अंतर्गत पढ़ रहे हैं।

इसके तहत 3 साल से 13 साल के बच्चों के लिए 4 तरह के कार्यक्रम होते हैं-

  • प्राथमिक वर्ष कार्यक्रम (3 से 11 वर्ष के बच्चों के लिए)
  • मध्य वर्ष कार्यक्रम (11 से 16 वर्ष के बच्चों के लिए)
  • बंधक कार्यक्रम (16 से 19 साल के बच्चों के लिए)
  • रिलेशनशिप रिलेटेड प्रोग्राम (16 से 19 साल के बच्चों के लिए)

आमतौर पर इन प्रोग्रामों में 6 विषय होते हैं। इनमें लैंग्वेज, गणित, विज्ञान, क्रॉल, कला और एक लैंग्वेज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त थ्योरी ऑफ नॉलेज यी टीओके के अंतर्गत बच्चों को एथिक्स की पढ़ाई कराई जाती है। इसके अलावा विस्तारित एसे के तहत बच्चों को अलग-अलग समूहों पर लंबे समय तक निबंधित रखा जाता है।

मुंबई के सबसे महंगे 10 स्कूल

1. धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल: मुंबई के बीकेसी इलाके में बना है ये स्कूल रिलायस ग्रुप का है। स्कूल में इंटरनेशनल बैकलोरिएट (गोबाबॉल) करिकुलम की पढ़ाई होती है। शीर्ष स्तर की सुविधाओं के अलावा, सख्त शैक्षणिक स्तर के स्कूल के लिए प्रतिष्ठित है।

2. इकोले मोंडिएल वर्ल्ड स्कूल: जुहूल इलाके में बने इकोले मोंडिएल वर्ल्ड स्कूल को इंटरनेशनल नेज पार्क नाम की कंपनी खेली है। यह को-एड स्कूल है। इसमें इंटरनेशनल बैकलोरिएट (गोबाइक) कोर्स की पढ़ाई भी होती है।

3. आदित्य बिड़ला वर्ल्ड अकादमी: 2010 में आदित्य बिरला वर्ल्ड एकेडमी की शुरुआत हुई थी। यह एक को-एड स्कूल है। इसमें इंटरनेशनल बैकलोरिएट करिकुलम की शिक्षा भी शामिल है।

4. कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल: मुंबई का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित स्कूल एक कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल है। इसमें 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए इंटरनेशनल बैकलोरिएट करिकुलम की पढ़ाई होती है।

5. सिंगापुर इंटरनेशनल स्कूल: सिंगापुर इंटरनेशनल स्कूल को-एड स्कूल है। इसमें भारतीय और विदेशी बच्चों के लिए स्कॉलरशिप (इंटरनेशनल बैकलोरिएट प्राइमरी इयर्स प्रोग्राम), आईजीसीएसई और इंटरनेशनल बैकलोरिएट प्राइमरी ईयर्स प्रोग्राम) के तहत पढ़ाई होती है।

6. एसेंड इंटरनेशनल स्कूल: कासेगांव एजुकेशन सोसाइटी इस स्कूल को चलाती है। 2015 में बीकेसी क्षेत्र के इस को-एड स्कूल में इंटरनेशनल बैकलोरियट (क्रोएकुलम) करिकुलम के तहत पढ़ाई शुरू हुई। प्री-प्राइमरी से 12वीं तक के बच्चों के लिए तीन कैथोलिक कार्यक्रम हैं।

7. बॉम्बे इंटरनेशनल स्कूल: साउथ मुंबई का यह प्रतिष्ठित स्कूल, इंटरनेशनल बैकलोरियट (क्रोबास्को) और यूनाइटेड किंगडम में कैम्ब्रिज एसेसमेंट इंटरनेशनल एजुकेशन (सी होटल) से संबद्ध है।

8. हिल स्प्रिंग इंटरनेशनल स्कूल: स्प्रिंग इंटरनेशनल स्कूल को नागरिक शिक्षा संस्था ट्रस्ट के तहत हिल हिल का दर्जा प्राप्त है। इसकी स्थापना 2004 में हुई थी। इस इंटरनेशनल स्कूल में बेबी करिकुलम की पढ़ाई होती है।

9. माउंट लिटेरा स्कूल इंटरनेशनल: मुंबई के बीकेसी इलाके में बने माउंट लिटेरा स्कूल इंटरनेशनल में अंतरराष्ट्रीय करिकुलम की पढ़ाई होती है। स्कूल इंटरनेशनल बैकलोरिएट क्रैजिअला (स्कोडाओ) का विवरण। इसमें प्राइमरी से लेकर मिडिल और बायबैक लेवल की पढ़ाई होती है।

10. बीडी सोमानी इंटरनेशनल स्कूल: बीडी सोमानी इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 9 और 10 के लिए आईजीएसआई कार्यक्रम के तहत पढ़ाई होती है। वहीं 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए इंटरनेशनल बैकलोरिएट एबीएम प्रोग्राम की पढ़ाई होती है।

दिल्ली के 9 सबसे सरकारी स्कूल

1. ब्रिटिश स्कूल: दिल्ली के चाणक्य इलाके, पुरी में बना ये स्कूल इंटरनेशनल करिकुलम पढ़ता है। ये दिल्ली का सबसे महंगा इंटरनेशनल नेशनल स्कूल माना जाता है।

2. अमेरिकन एम्बेसी स्कूल: चाणकपुरी इलाके का ये स्कूल है अमेरिकी करिकुलम। इसका एकेडमिक प्रोग्राम काफी मुश्किल माने जाते हैं।

प्रवासी समुदाय की साहिल को पूरा करने वाला अमेरिकन एम्बेसी स्कूल अपने कठोर कार्यक्रम और विविध पाठ्येतर पाठ्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है। यह स्कूल अमेरिकी पाठ्यक्रम का पालन करता है और शहर के सबसे बड़े पुस्तकालयों में से एक है।

3. द फ्रेंच स्कूल (लाइसी फ़्रांसिस डी दिल्ली): इस स्कूल में फ्रेंच करिकुलम की पढ़ाई होती है। यहां एक से बढ़कर एक समुद्र के ज्ञान और कल्चरल इजाफे पर ध्यान दिया जाता है।

4. एक्सेलसियर अमेरिकन स्कूल: ये एक डे-बोर्डिंग स्कूल है, जहां इंटरनेशनल एजुकेशनशास्त्र और यूके के कैम्ब्रिज बेस्ड करिकुलम की पढ़ाई होती है। इसमें नोबेल करिकुलम के अंडर मास्टर मियामी भी उपलब्ध है।

5. श्री राम स्कूल: दिल्ली के वसंत विहार इलाके में बना ये स्कूल अपने प्रोग्रेसिव टीचिंग मेथड के लिए मशहूर है। यहां गरीबों के ओवरऑल डेवलपमेंट पर जोर दिया जाता है।

6. थवेज़ वर्ल्ड स्कूल: अरावली के इस स्कूल का पैटर्न बेहद खूबसूरत है। यहां अंतर्राष्ट्रीय करिकुलम स्कूल जाना जाता है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड वाले इस स्कूल की फीस भी ठीक-ठाक है।

7. डीपीएस इंटरनेशनल: ये स्कूल दिल्ली के साकेत इलाके में है। दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रुप का ये स्कूल इंटरनेशनल करिकुलम पेज है।

8. द हेरिटेज स्कूल: दिल्ली के रोहिणी इलाके के इस स्कूल में कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एक्जामिनेशन (CIE) का करिकुलम पढ़ाया जाता है। अच्छे फीचर्स के अलावा इस स्कूल में कई विदेशी टीचर्स पढ़ते हैं।

9. पाथवेज़ स्कूल: पाथवेज़ स्कूल का एक और स्मारक है। यह राष्ट्रीय राजधानी रिजन में ही आती है। यह स्कूल अपनी नई टीचिंग तकनीक के लिए प्रसिद्ध है।

इन सभी देशों के अलावा सबसे समृद्ध जंगलों में से कुछ उत्तराखंड में हैं। राजधानी के दून इंटरनेशनल स्कूल की पासपोर्ट फीस करीब 10 लाख रुपये है। भारत के आम लोगों के बच्चों का हाल यह है कि 64% बच्चे सरकारी प्राइवेट स्कूलों में घूमते हैं। ऐसी कोई रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं है जो यह बताती हो कि इतनी बड़ी संख्या के पीछे की वजह इन स्कॉलों की अच्छी पढ़ाई है। हालाँकि साइंस डायरेक्ट की तरह कई वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत के सरकारी स्कूलों में मिड-डे माइल्स के साथ आम लोगों के बच्चों का खजाना बढ़ा है।

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