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50 मिनट पहले
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 28 अक्टूबर को जेईई मेन्स 2025 की तारीख घोषित कर दी है। इस साल भी जेईई मेन्स एग्ज़ाम दो चरणों में होगी। पहले चरण का इजाद 22 से 31 जनवरी 2025 तक और दूसरे चरण का इजाद 2025 में होगा।
दोनों सेशन के एग्ज़ाम में साझी – स्टाम्प
ज्यादातर लोग इस बात को लेकर चिंता में रहते हैं कि उन्हें जेईई मेन्स के दोनों सेशन में एग्जाम देना चाहिए या किसी एक में। इसके लिए हमने एलेन इंटरनैशनल इंस्टीट्यूट, भोपाल के निदेशक ऋषभ शर्मा और एनईईटी आईआईटी संस्थान के निदेशक शुभम रॉय से बात की। दोनों पाठ्यपुस्तकें एक ही बात कहती हैं,
जेईई मेन्स के एग्जाम में दो सेशन में पानी ही इसलिए मिलता है, ताकि अगर एक बार फिर से एक सेशन में अच्छा फॉर्म न कर सके तो दूसरे सेशन में से ट्राई कर सके।
तर्कशास्त्रियों के अनुसार, दोनों सत्रों में विद्वानों को 3 फायदे बड़े हैं-
1. स्कोर बढ़ाने का मौका: एनटीए दोनों सत्रों में एक ही सत्र का स्कोर फाइनल रिजल्ट शामिल करता है, जिसमें अधिकतर अंक मिलते हैं। ऐसे में दोनों सत्रों में एग्ज़ाम परीक्षा से लेकर फाइनल रैंक तक का मौका है।
2. 12वीं कर रहे विद्यार्थी को एग्ज़ाम का प्री-एक्सपीरियंस: ऋषि शर्मा का कहना है कि 12वें कर रहे बच्चों को भी दोनों सेशन के एग्जॉम में पढ़ना चाहिए। उनके प्रीबोर्ड एग्ज़ाम के बाद जेईई मेन्स का पहला सत्र, फिर बोर्ड बोर्ड एग्ज़ाम, फिर जेईई मेन्स का दूसरा सत्र का एग्ज़ाम होता है। सेक्शन हो गया तो जेईई एडवांस्ड का एग्जाम होता है। यह सभी समुच्चय एक के बाद एक होते हैं, इसलिए रणनीति तैयार करना ठीक है तो दोनों को एक-दूसरे से सहमत होना चाहिए।
शुभम के मुताबिक, अगर 12वीं कर रहे बच्चों का 11वीं का कोर्स अच्छे से तैयार नहीं है, तो पहले सेशन का एग्जाम जरूर देना चाहिए। इससे एग्ज़ाम का एक प्री-एक्सपीरियंस हो जाता है और कोर्स पूरा करने के बाद दूसरे सत्र में अपना स्कोर बढ़ाया जा सकता है।
3. बारहवीं पास कर चुके बच्चों को सिलेक्शन के दो उद्देश्य: शुभम का कहना है कि फर्स्ट सेशन बारहवीं पास कर चुके बच्चों के लिए सबसे बेहतर है। इस समय तक उनका कोर्स पूरा हो चुका है। वह जनवरी में ही पूरी तैयारी के साथ जेईई मेन्स में शामिल हो सकते हैं। इन परीक्षार्थियों को बारहवीं कर रहे परीक्षार्थियों की तुलना में बेहतर मौका है।
इस बार केमिस्ट्री में सबसे ज्यादा स्कोर करने का मौका, सिलेबस डेट जारी रहेगा
शुभम रॉय विद्यार्थी हैं, ‘सिलेबस ध्यान से देखकर ही पढ़ाई करनी चाहिए। इस बारमिस्ट्री में 6 इकाइयां पूरी तरह से हटा दी गई हैं। 5 इकाइयाँ ऐसी हैं जिनमें से कई अध्याय हटाए गए हैं। इसलिए इस बार केमिस्ट्री में सबसे ज्यादा मार्क्स लाना आसान होगा।
वहीं रिद्धेश कहते हैं, ‘नीट-यूजी के पिछले एग्जाम में हुई शैतानियों के बाद इस बार लोग जेईई पर आतंकियों से नज़रें बनाए हुए हैं। इसलिए उम्मीद है कि इस बार का पेपर सिलेबस के अनुसार और लॉन्च होगा।’
‘इस बार एनटीए ने एक पेपर में 30 में से 25 विकल्पों का विकल्प 25 कंपल्सरी प्रश्न रखे हैं। इसलिए स्कोर कम रह सकता है, हालांकि बच्चों को डरने की जरूरत नहीं है, 70 से 75% सिलेबस की अच्छी तैयारी से अच्छा परसेंटाइल बन जाएगा।’
2024 में भी जेईई मेन्स का एग्ज़ाम दो सत्र- जनवरी और अप्रैल में डाला गया था। जनवरी सेशन का एग्ज़ाम 24 से 31 जनवरी तक और अप्रैल सेशन का एग्ज़ाम 6 से 12 अप्रैल के बीच था। लक्ष्य वर्ष नामांकन 1 नवंबर से शुरू होकर एक महीने से अधिक समय तक चला, हालांकि इस बार भी पर्याप्त समय दिया गया है।
जेईई मेन्स 2024 के जनवरी सत्र में कुल पंजीकृत प्रतिभागियों की संख्या 12 लाख से अधिक थी। इनमें से 11.7 लाख ने एग्ज़ाम दिया था। एनटीए ने जेईई मेन्स के अलावा नीट यूजी और सीयूईटी की तारीखें भी घोषित की हैं।
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