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2 साल में ग्रेजुएशन पूरा करने के नियम: यूजीसी ने एसओपी को दी मंजूरी; फ़्रैंचाइज़्डटूडेंट्स एक्ज़ारे साल ले फ़ानी


42 मिनट पहले

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अब डिग्री धारक कम या ज्यादा समय में डिग्री की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के अनुसार, हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स, डिग्रीधारी सामान्य 3 या 4 साल का डिग्री कोर्स, 2 साल या 5 साल में पूरा करने का विकल्प दे सकते हैं।

यूजीसी के साझीदार एम. एसओपी में नामांकित पूर्वज का ड्राफ्ट सार्वजनिक डोमेन में लाया जाएगा और उस पर दम तोड़ दिया जाएगा।

संस्थान तय करेंगे ADP और EDP में ग्राहक

एसओपी के अनुसार, शिक्षण संस्थान एक समिति है जो पहले और दूसरे नमूने के फाइनल में बच्चों के आवेदन के आधार पर उनकी क्षमता का आकलन करती है। इसके बाद समिति ने यह तय किया कि अभ्यर्थी को प्रति समूह कितना क्रेडिट देना जरूरी है। साथ ही यह भी प्रमाणित करें कि व्यक्ति को ईडीपी या एडीपी में से किस प्रोग्राम में शामिल होना चाहिए।

एसओपी के अनुसार, दूसरे सेमल के अंत तक ही एडीपी के लिए आवेदन किया जा चुका है। ADP में अगले सेलेमेंट में सब्जेक्ट्स हैन्गेशंस और उनके एक्सएक्सएल क्रेडिट मीट सर्वेसर्वा शामिल हैं। समिति यह तय करेगी कि ईडीपी में प्रोग्राम डिग्री में हर सेमल कम से कम क्रेडिट लाना जरूरी है।

हालाँकि एग्जॉम और इल्यूएशन सिस्टम मानक डिग्री प्रोग्राम की तरह ही रहेंगे, लेकिन डिग्री कम या अधिक, डिग्री भी समय में ली गई है, उनका एक नोट डिग्री पर लिखा रहेगा। हालाँकि इस डिग्री को भी शैक्षणिक या शैक्षणिक योग्यता में भर्ती के समय उपयोग के दौरान मानक डिग्री अर्थात सामान्य डिग्री की तरह ही उपयुक्त दी जाएगी।

डिग्री के बीच ब्रेक भी ले सकते हैं सीख

आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामाकोटी ने डिग्री की समय सीमा या वृद्धि की इस सलाह की सिफारिश की थी। उनका कहना था कि हैएर एजुकेशन का अधिक से अधिक लचीलापन होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक युवा शिक्षण हो सके।

इसी लचीलेपन की आवश्यकता को बरकरार रखते हुए, यूजीसी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत डिग्री के बीच में ब्रेक लेने का निर्धारण भी किया गया है। अगर कोई सामान खरीदना चाहता है तो वह कोर्स से ब्रेक ले सकता है और बाद में इसे पूरा कर सकता है।

इसे लेकर यूजीसी ने कहा था कि हमारे काम करने वालों को क्रिटिकल थिंकर बनाना है। हम उन्हें ऐसा बनाना चाहते हैं ताकि वो देश के विकास में मदद कर सकें।

उन्होंने कहा कि यूजीसी ने पहले ही कई एंट्रेंस और असोसिएट्स को शामिल कर लिया था, ताकि फ़्रिडिव स्टूडेंट ब्रेक ले क्लास और अपनी पसंद के हिसाब से सिलेबस पूरा कर सके। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को सबसे अधिक लचीला बनाना और अधिकांश सुविधाएं देना है।

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