Physical Address

304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124

राजन, दार्शनिक के 21 छात्रों की मान्यता रद्द हुई: बाकी पढ़ रहे छात्रों का अब होगा भुगतान; 15 फरवरी से सीबीएसई बोर्ड एनोटेशन जारी है


28 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

माध्यमिक केंद्रीय शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने राजस्थान और दिल्ली में 21 स्कूलों की मान्यता (मान्यता) रद्द कर दी है।

मिशिगन ने इन विद्वानों का औचक का निरीक्षण किया था। इस दौरान वीडियो और ड्रूमिंग भी की गई, जिसमें पाया गया कि स्कूल में डमी स्टूडेंट के लिए बच्चों की फर्जी एटेंनडाई जा रही है। 12वीं से 10वीं तक कर दी गई है।

इन दस्तावेजों में पढ़ रहे सामान का अब बंदोबस्ती होगी अभ्यर्थियों के बीच यह परेशानी बढ़ गई है, कि अगर उनके विद्यार्थियों की मान्यता रद्द होने का निर्णय इस लिमिट में है तो उनकी पढ़ाई पूरी हो जाएगी। सीबीएसई बोर्ड 10वीं, 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से शुरू हो रही है।

हालाँकि, सीबीएसई ने निर्णय लिया है कि इन ग्रेजुएट स्कूल के बोर्ड में एक स्कॉलरशिप शामिल होने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जबकि बाकी ग्रेजुएट स्कूल के बोर्ड में बाकी ग्रेजुएट स्कूल के छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाएगा।

डमी स्कूल पर कार्रवाई से रेस्ट स्कूल को संदेश

बोर्ड के अनुसार, काकी स्कूल में कक्षा 9 से 12 तक बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे। औचक निरीक्षण के बाद इन स्कॉलों को चोरों की उपस्थिति में कमी और दूसरी जगह के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया गया।

स्कूल को 30 दिन के अंदर बोर्ड को जवाब देना था। स्कॉलर ने अपने नामांकन से संबंधित जांच का जवाब दिया। इसके बाद 21 स्कूलों का एफिल रद्द कर दिया गया।

सचिव साइमन गुप्ता ने कहा,

डमी या बिना स्कूल जाए छात्र की पढ़ाई, पढ़ाई के मूल उद्देश्य के विपरीत है। इससे बच्चों के दर्शन विकास पर असर पड़ता है। हम डेमी स्कॉटलैंड के बढ़ते के खिलाफ़ शांतिपूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं। इसके माध्यम से हम एफिलिएटेड स्काल को डमी या बिना एटेंडेंस के बच्चों को एट्रिब्यूशन के रेड से भागने का स्पष्ट संदेश दे रहे हैं।

उद्धरण छवि

सीबीएसई पहले भी रद्द कर चुका है छात्रों की मान्‍यता

यह पहली बार नहीं है कि मिस्र के विद्वानों का सिद्धांत ख़त्म हो गया है। इससे पहले 22 मार्च 2024 को सूर्योदय ने 20 पौराणिक कथाओं को रद्द किया था, इनमें से दिल्ली के 5, उत्तर प्रदेश के 3, केरल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के 2-2 स्कूल, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, असम और मध्य प्रदेश के थे। 1-1 स्कूल शामिल था। इसके अलावा 3 स्कलों का एफिलीलैक्शन मारा गया था।

पेरेंट्स का कहना- एफिलिएशन खतमा करने की कार्रवाई काफी नहीं

इस मुद्दे पर हमने कुछ पेरेंटस और फाइनैंशियल पेरेंटस एसोसिएशन की अधोगम्यक्ष अपराजिता गौतम से बात की। चित्रा ने कहा कि प्रतीकात्मक कूलों का एफिल बातचीत खतम करने की यह कार्रवाई नहीं है। ‘डॉक्टर अमेरिका ने एटेंडेंस और डमी यात्रियों के 4 बड़े कारण को उजागर किया,”

1. डमी स्कूल की मदद से चल रहा कोचिंग बिजनेस:

डमी स्कूल और स्टोर्स के पीछे कोचिंग का खेल है। बच्चों को बारहवीं के बाद NEET और JEE के अलावा कॉलेज में पढ़ने के लिए CUET का एग्जाम देना होता है। बच्चों का फिक्स एक ही पर रहता है।

अपराजिता का कहना है कि ऐसे में बच्चे ऐसे स्कॉलर को ले जाते हैं जहां एटेंडेंस की कोई जरूरत नहीं होती। चाइल्ड स्कूल न बैचलर कोचिंग में पढ़ाई करते हैं। कई स्कूल ऐसे भी हैं जो अपने यहां कॉम्पिटीटिव एग्जॉम की तैयारी के लिए सेंटर खोले हुए हैं।

2. स्कलों में चल रिच कोचिंग, स्कलों को डबल फ़ायदा:

डमी स्कूल और कोचिंग में पुस्तकालय है। बच्चे स्कूल के बाद कोचिंग करते हैं तो पूरा समय इसी में निकल जाता है। अभिभावक चाहते हैं कि बच्चों का स्कूल छूट न जाए और कोचिंग भी मिल जाए। ऐसे में कोचिंग वालों ने एक ऐसा आउटआउट निकाला है, जिससे बच्चों को बड़े स्कूल और कोचिंग वालों को फायदा होता है। कोचिंग वाले आपको 4-5 कोचिंग की नियुक्तियां देंगे, जिसमें बच्चों को पढ़ने के लिए तो स्कूल की ड्रैसें स्कूल में मिलेंगी, लेकिन वहां कोचिंग टीम ही उनकी पढ़ाई के लिए टीमें होंगी। स्कूल वाले स्कूल की फीस के अलावा कोचिंग की फीस अलग-अलग लेते हैं।

3. सबसे बड़ा उपभोक्ता व्यवसाय से आसानी से मिलने वाला व्यवसाय:

डमी अपने मालिक के पीछे के स्कूल का एक फायदा भी है। छोटे-छोटे स्कूल में आप कभी-कभी बच्चों की संख्या गिना करते हैं। यह कुल आतिथ्य की तुलना में बहुत कम संभावना है। अगर 500 बच्चे स्कूल आ रहे हैं तो यात्री 800 पर जाएँ, इसके पीछे यह कारण है कि बच्चों की संख्या में से अधिकांश बच्चों को स्कूल जाने का अवसर आसानी से मिल जाता है।

4. बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं करता मच्छर

बिजनेसमैन ने दिल्ली में भी स्कूलों की फीस रद्द कर दी है, उनमें से कोई भी प्रमुख स्कूल नहीं है। सभी छोटे स्कूल हैं। बड़े नामी-गिरामी स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं। जबकि कई बड़े स्कूल डमी लेखक देते हैं। सब जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं करता।”

कोटा पूरे राजस्थान में कोचिंग और डमी स्कूल का गठजोड़

कोटा देश का सबसे बड़ा कोचिंग हब है। लाखों बच्चे यहां नीट और जेईई जैसे एग्ज़ाम की तैयारी करने जाते हैं। राजस्थान की यूनाइटेड गार्जियन एसोसिएशन संस्था के प्रवक्ता अभिषेक जैन कहते हैं,

उद्धरण छवि

डमी स्कूल और कोचिंग का सिंडिकेट सिर्फ कोटा में नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में है। जयपुर के बाद कोटा का दूसरा नंबर आता है। इसके बाद सीकर और अजमेर भी बड़े गढ़ हैं। इन सभी स्थानों पर कोचिंग के लिए आने वाले ज्यादातर बच्चों को कोचिंग वाले डमी स्कूल में शिकार की सलाह देते हैं। कहा जाता है कि बच्चे को स्कूल जाने की जरूरत नहीं है। यहां स्कूल के बिना एटेंडेंस वाले पर भी मोटी फीस वसूली जाती है।

उद्धरणछवि

अपराजिता का कहना है कि उदयपुर को कोटा के स्कलों का डेटा निकालना चाहिए कि कितने स्कलों में कितने बच्चों को दाखिला दिया गया है और असल में कितने स्कूल आ रहे हैं।

उदयपुर के बड़े विद्वानों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इस आरोप में कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। किसी भी स्कूल में प्रमाणित के विरुद्ध कोई भी अभ्यास किया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि यह चर्चा का विषय हो सकता है, लेकिन सच तो यह है कि हम किसी भी नियम के तहत जेल जाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।

शिक्षा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

ट्रम्प का अमेरिकी राष्ट्रपति पद तय: प्रवासी भारतीयों और छात्रों को 5 बड़ी परेशानियाँ; वज़ीर अवाँछन मुश्किल, रोज़गार के अवसर कम होंगे

20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ होगी। ऐसे में सवाल है कि ट्रंप का दूसरा लोकतांत्रिक अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्र और अमेरिका जाने की इच्छा वाले भारतीयों के लिए क्या रहेंगे। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *