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देश में 1316 रॉकेट, 586 फुल के पद खाली: 13 प्राचीन से आईएएस के औसत 23% पद नहीं; पार्टिसिपेंट सिर्फ 180 पर प्रोडक्ट


32 मिनट पहलेलेखक: शिवेन्द्र गौरव

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देश में इस समय आईएएस के 1,316 और आईपीएस के 586 पद खाली हैं। 12 दिसंबर को राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री चौधरी सिंह ने ये आंकड़े दिये।

वकील सिंह ने अपने लिखित उत्तर में बताया है कि 1 जनवरी, 2024 तक आईएएस के कुल 6,858 पदों पर 5,542 पद पर अधिकारी-कर्मचारी हैं। वहीं आईपीएस के कुल 5,055 ऑफिसर्स के गोदाम 4,469 ऑफिसर्स इंजीनियर हैं।

खाली पद नई बात नहीं, 1951 से ही शॉर्टेज का चलन

साल 1951 में आईएएस के कुल पद 1,232 से 275 यानी 22.32% पद खाली थे। 2006 के बाद कभी भी खाली अनाज का परसेंटेज दहाई से नीचे नहीं आया। 2001 में सबसे कम .79% पद खाली थे। वहीं 2012 में सबसे ज्यादा 28.8% पद खाली थे।

हर साल सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के माध्यम से आईएएस पदों के लिए सीधी भर्ती की जाती है। भर्ती की समिति एक समिति तय करती है, जिसे समीक्षा समिति कहती है। यह आईएएस, आईपीएस जैसे कैडर के लिए टीचर्स की सहजता तय करती है। साल 2012 से सीएसई के माध्यम से हर साल 180 आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति जारी है।

यह एग्जामिनेशन यूपीएससी करवाता है। इसके अलावा कुछ अधिकारियों को स्टेट सिविल एसोसिएट्स (एससीएस) से प्रोमोट किया गया है। इसके लिए हर साल यूपीएससी, राज्य चयन और आयोगों के साथ सिलेक्शन समितियों की बैठक होती है।

विभिन्न पद कैसे तय किये जाते हैं?

पूरे भारत में हर 5 साल में हर कैडर की समीक्षा की जाती है। कैडर रिव्यू कमेटी यह काम करती है। इसके कैबिनेट सचिव अध्यक्ष होते हैं, जबकि डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग, डिपार्टमेंट डिपार्टमेंट, कैबिनेट मंत्रालय के सचिव और कैडर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी इसके सदस्य होते हैं।

एक हॉस्टल में एक प्रक्रिया की समीक्षा करें। हर साल कुछ राज्यों में अधिकारियों के चैंबर पैड, वैकेंसी और अन्य नीग्रो की समीक्षा की जाती है। मिसाल के तौर पर साल 2020-21 में यूपी और बिहार में आईएएस और मठाधीशों में आईपीएस अधिकारियों की समीक्षा की गई।

संसदीय समिति ने पद वृद्धि की वकालत की

आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति के लिए बीएस बसवान समिति का गठन किया गया था। साल 2016 में साओन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, ‘180 से अधिक अधिकारियों की पेशकश से समझौता होगा, लाल शास्त्री शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन की क्षमता से बहुत अधिक होगा और भारत सरकार के वरिष्ठ पदों के आईएएस अधिकारियों के नैतिकता के सिद्धांत ( यानी प्रमोशन से जुड़ी चीजें) सामानेगा।

लाल वैविध्य शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

समिति का कहना था कि कैडर के अधिकारियों के अलावा, रिक्तियों को प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरा जा सकता है। हालांकि 2022 में सुशील मोदी की सचिवालय वाली एक संसदीय समिति ने डिपार्टमेंट ऑफ

कहा गया था, ब्यूरोक्रेसी में ऑफिसर्स की कमी के कारण स्टेट्स में नॉन-कैडर ऑफिसर्स को कैडर की पोस्ट्स पर काम करना पड़ रहा है। तय समय से ज्यादा समय तक ऑफिसर्स को पद पर बनाए रखने की मजबूरी है और एक ही ऑफर्स पर कई आरोप लग रहे हैं। इन इनवेस्टमेंट से एडमिनिस्ट्रेशन की एफिशिएंसी कम होगी।

समिति ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग को आईएएस अधिकारियों की भर्ती में बढ़ोतरी की सलाह दी थी।

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